रतलाम पुलिस की करतूत,  प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे 6 विद्यार्थियों को पूछताछ के बहाने थाने ले जाकर पीटा, बेवजह चोरी स्वीकार करवाने के लिए बनाया दबाव

Ratlam Police's misdeed, 6 students preparing for competitive exams were taken to the police station on the pretext of interrogation and beaten, pressure was unnecessarily put on them to confess to theft

रतलाम पुलिस की करतूत,  प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे 6 विद्यार्थियों को पूछताछ के बहाने थाने ले जाकर पीटा, बेवजह चोरी स्वीकार करवाने के लिए बनाया दबाव

डेली जर्नल हिंदी डेस्क 

रतलाम, शहर के आईए थाना क्षेत्र से बीते दिनों 93 वर्षीय वृद्ध महिला के सोने के कंगन चोरी की घटना के असल आरोपियों को पकड़ने के लिए अब रतलाम पुलिस किसी को निशाना बना कर जबरदस्ती जुर्म स्वीकार करवाने में लगी है। इसी तरह के पुलिसकर्मियों की वजह से बेगुनाह जेलों में अपने जीवन का कीमती समय बर्बाद कर देते है साथ में बदनामी भी झेलना पड़ती है। रतलाम पुलिस ने इसी मामले में प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे आदिवासी समाज के 6 छात्रों को पूछताछ के बहाने आईए थाने ले गई और फिर उनके साथ अपशब्द कहे और मारपीट की। 

मक्कारी कर आमजन को पकड़कर पूछताछ के बहाने जुर्म स्वीकार करवाती है एसपी साहब की पुलिस

ऐसे में जनता का सुरक्षा करने वालों पर विश्वास कमजोर होगा। ऐसे पुलिसकर्मी जो चोर को पकड़ने में मक्कारी कर किसी पर भी आरोप लगाने को उतावले हो रहे है, इनपर जांच कर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए और ऐसी कार्रवाई जो अन्य दूसरे पुलिसकर्मी भी याद रखे। बेकसूरों को फंसाकर अपना काम निकालना कुछ पुलिसकर्मियों की आदत ही बन चुकी है। बहरहाल अब 6 आदिवासी छात्रों की पिटाई के मामले में एसपी अमित कुमार ने  जांच कर 3 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। यह जांच उप पुलिस अधीक्षक अजाक को सौंपी गई है जो हर एक पहलुओं को देखेंगे।  

ज्ञापन देकर मामले की जानकारी दी लेकिन पुलिस ने बताया सोशल मीडिया से मिली मारपीट की जानकारी, 3 दिनों में सौंपनी होगी जांच रिपोर्ट

21 जुलाई को भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा ने एसपी कार्यालय पहुंच कर एसडीओपी किशोर पाटनवाला को ज्ञापन सौंपा था जिसमें 6 विद्यार्थियों को पीटने की बात का जिक्र करते हुए कसूरवार पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की शिकायत की थी। लेकिन पुलिस ने जारी प्रेस नोट बताया कि पुलिस द्वारा मारपीट की जानकारी सोशल मीडिया से मिली जबकि बाकायदा मामले को लेकर भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा द्वारा ज्ञापन सौंपा  था। प्रदेश संयोजक दिनेश माल ने बताया कि विद्यार्थियों थाने ले जाकर पूरे दिन भूखे प्यासे बिठाकर  रखा, उन्हें साथ शारीरिक मानसिक रूप से परेशान, प्रताड़ित किया और मारपीट भी की। झूठे मुकदमे दर्ज कर के जेल भेजने की हरकत की। पुलिस ने पवन चारेल ग्राम गंगापुर, (शिवगढ़ ),राजेंद्र डामोर ग्राम वखत पूरा (शिवगड ), गोरधन डामोर, वखतपूरा, (शिवगढ़) मगन भाभर खाखरा कुड़ी, प्रकाश पारगी और महेश गामड़  देवला के साथ मारपीट की। दो विद्यार्थी राजेंद्र डामोर और पवन चारेल गंभीर अवस्था में अस्पतालम भर्ती है।

ज्ञापन देने ये थे उपस्थित

ज्ञापन में भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा के प्रदेश संयोजक दिनेश माल, आदिवासी परिवार के ध्यानवीर डामोर, जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र मईडा, जयस कालू बरोड़, वीपीसिंह हरि,जिला संयोजक अनिल मईडा, ब्लॉक संयोजक, देवा सिंगाड़, जिला सह संयोजक मिथुन सिंघाड़ , देवचंद डोडियार, बहादुर डामोर, शैलेंद्र डामोर, सरपंच हिन्दूसिंह मचार,विकाश भाभर,भरत डिंडोर, दिनेश निनामा,पवन खराड़ी,जवान सिंह डामोर, चेतन चारेल, अतुल डामोर, रूनी खदेड़ा, सरवन डामोर शामिल थे।

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