धामनोद में मासूम 6 वर्षीय अर्पित पर 2 हजार टंकी  की टंकी गिरने से हुई मृत्यु में मामले में नगर परिषद सीएमओ ने छोटे गरीब कर्मचारी पंपकुली को बनाया बलि का बकरा, निलंबित कर किया मामले को रफा दफा 

In the case of the death of innocent 6-year-old Arpit due to the falling of a 2000 litre tank in Dhamnod, the Municipal Council CMO made the small poor employee Pumpkuli a scapegoat and hushed up the matter by suspending him

धामनोद में मासूम 6 वर्षीय अर्पित पर 2 हजार टंकी  की टंकी गिरने से हुई मृत्यु में मामले में नगर परिषद सीएमओ ने छोटे गरीब कर्मचारी पंपकुली को बनाया बलि का बकरा, निलंबित कर किया मामले को रफा दफा 

डेली जर्नल हिंदी डेस्क

रतलाम/धामनोद, वाह रे मेरे देश का सिस्टम, गरीब मासूम की मृत्यु का कारण एक गरीब कर्मचारी के सर डाल कर धामनोद नगर परिषद सीएमओ ने मामला ही खत्म करवा दिया। जांच दल गठित कलेक्टर द्वारा किया गया था लेकिन फैसला सीएमओ ने सुनते हुए गरीब पंपकुली राकेश भगोरा को  निलंबित कर दिया। सीएमओ ने अपना ठीकरा दूसरे पर फोड़ते हुए गरीब कर्मचारी को हटाने के आदेश जारी किए। धामनोद में वार्ड 14 क्षेत्र में 6 वर्षीय अर्पित पर दो हजार लीटर की पानी की टंकी गिरने से हुई मृत्यु के मामले में कलेक्टर राजेश बाथम द्वारा जांच दल गठित किया था जिसमें प्रभारी तहसीलदार कैलाश कनोजे, राजस्व निरीक्षक नामली ज्योत्सना भाटी धामनोद पटवारी विकास यादव शामिल थे। 

पंपकुली को सीएमओ धामनोद द्वारा निलंबित कर मामले को समाप्त कर दिया गया। जब टंकी का स्ट्रक्चर बनाकर लगाया गया था तो क्या उसकी जांच वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई थी या नहीं?  जाहिर सी बात है कि इसके स्ट्रक्चर को बनाने में भ्रष्टाचार हुआ होगा। सीएमओ को निलंबित की बात आई तो सीएमओ ने बलि का बकरा छोटे कर्मचारी पंपकुली को बना दिया। भला बताइए कि पंपकुली इसके लिए जिम्मेदार कैसे हो सकता है। 

असल में जांच तो वास्तव में यह भी होना चाहिए कि टंकियां कितने में खरीदी गई थी और स्ट्रक्चर या स्टैंड कितने में बना था। यदि इसकी लागत ज्यादा है निकलकर सामने आती है तो फिर वरिष्ठ अधिकारी ही इसके लिए जिम्मेदार होंगे। शायद भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है। जबकि पंपकुली का कार्य देख रहे करना होता है। किसके द्वारा स्ट्रक्चर बनवाया गया उसकी जांच होनी चाहिए और किस अधिकारी ने मौके पर जाकर इसका निरीक्षण और जांच की किया था। घटिया सामग्री से निर्माण कार्य किसने करवाया था वहीं इसके लिए जिम्मेदार है। जिम्मेदार अधिकारी और इंजीनियर पर कार्रवाई होनी चाहिए।