समीर ने बचाई समीर की जान, पत्रकार समीर ने पत्रकारिता को दरकिनार कर निभाया इंसानियत का फ़र्ज़, उधर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने 45 मिनट कटे गले को किया ऑपरेट

Sameer saved Sameer's life, journalist Sameer put aside journalism and fulfilled his duty towards humanity, while doctors of the district hospital operated on a severed throat at 45

समीर ने बचाई समीर की जान, पत्रकार समीर ने पत्रकारिता को दरकिनार कर निभाया इंसानियत का फ़र्ज़, उधर जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने 45 मिनट कटे गले को किया ऑपरेट

डेली जर्नल हिंदी डेस्क 

रतलाम, रक्षाबंधन के मौके पर हर साल पतंगबाजों की ओर से पतंग उड़ाई जाती है। आसमान पतंगों से भरा पड़ा होता है। ऐसे में चाइनीज मांजे प्रतिबंध प्रशासन की तरफ से लगाया जाता है। हर साल आदेश जारी भी हो जाता है लेकिन इस बार कलेक्टर महोदय आदेश ही जारी करना भूल गए। रक्षाबंधन के दो दिनों पहले जब पतंग अधिक उड़ने लगी तो पत्रकारों द्वारा कहने पर खबरें प्रकाशित होने पर प्रतिबंध लगाया गया। इसके बाद कारवाई के नाम पर नील बंटा सन्नाटा। ऐसे में पतंगबाज सस्ती चायना डोर बेधडक़ बेचते रहे, जिसका नतीजा ये हुआ कि एक युवक का गला कटा। साथ ही पांच अन्य लोग भी चायना मांजे की चपेट में आ गए। जिनके गले और हाथ में चोट आई। सभी का जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। उसकी जान पर आफत में आ गई। गनीमत रही कि डाक्टरों ने देवदूत बनकर 45 मिनिट आपरेशन करके युवक की जान बचा ली।  

पत्रकार ने निभाया इंसानियत का फ़र्ज़

दरअसल बापुनगर निवासी समीर उम्र 28 पुत्र स्वर्गीय शकूर खान शनिवार की शाम करीब 4.40 बजे घर से बाइक पर  कुछ सामान खरीदने जा रहा था। जावरा रोड स्थित घटला ब्रिज के पास गैस गोदाम के पास कटी पतंग की डोर उसके गले पर रगड़कर। इकला जिसी उसका गला कट गया। कर ऐसा लगा कि खून की पिचकारी पीछे से आने वाले स्कूटर स्वर पर गिरी। वह बाइक रोक कर राहगीरों से मदद मांगने लगा। 

इसी दौरान वहां से बाइक पर जा रहे पत्रकार समीर खान ने उसे देखा तो वे उसके पास पहुंचे और दांतों से डोर काटकर उसके गले से निकालकर अलग की। इसी बीच राहगीर पप्पू वसुनिया निवासी बापू नगर, शीला वर्मा निवासी डोसीगांव पीएम आपास मल्टी व अन्य लोग भी पहुंचे। पत्रकार समीर खान ने पप्पू व शीला वर्मा से घायल समीर को अस्पताल ले जाने को कहा। पप्पू व शीला एक बाइक पर बैठाकर घायल समीर को अस्पताल ले गए, जहां सर्जन डॉ. गोपाल यादव, ईएनटी सर्जन डॉ. अजय पाटीदार, ड्यूटी डॉक्टर अभिषेक अरोड़ा व उनकी टीम ने करीब 45 मिनट तक आपरेशन कर घायल समीर का गला रिपेयर किया। समीर के गले में करीब 25 टांके लगाए गए। आपरेशन के बाद उसे आइसीयू में शिफ्ट किया गया। वह अभी बोल नहीं पा रहा है। खबर फैलने पर उसकी मां शहनाज, आसपास के अन्य लोग तथा परिचित अस्पताल पहुंचे। समीर गरीब परिवार से होकर परिवार में मां-बेटे ही है। मां ने बताया कि समीर उनका इकलौता पुत्र है। समीर के पिता का छह वर्ष पहले निधन हो चुका है।      

तीन अन्य भी हुए मांजे से घायल

इसके एक दंपत्ति घटला कालोनी स्थित मच्छी मार्केट से जा रहे थे जो चायना डोर के चपेट में आ गए। जिसके उनके हाथ ओर गले में गंभीर चोटें आईं। सुभाष नगर निवासी आनंद गोसर उम्र 25 वर्ष  पत्नी मुस्कान उम्र  23 के साथ मंदसौर जिले के नाहरगढ़ जा रहे थे। मच्छी बाजार के पास अचानक पतंग की डोर उनके गले से टकरा गई। आनंद के गले और उंगलियों पर चोट लगी, जबकि पत्नी मुस्कान की उंगली कट गई।वहीं दोपहर में ही 6 साल का एक बच्चा भी चायना डोर की चपेट में आ गया। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार स्कूटी से जाते समय डोर अचानक आने से बच्चे के गले में रगड लग गई। वहीं सिलावटों का वास निवासी श्याम बंजारा भी अपने 6 साल के बेटे नैतिक की डोर से पैर में चोट लग गई। रात करीब 8 बजे जावरा रोड अंडरब्रिज के पास भी एक युवक चायना डोर की चपेट में आ गया। बांगरोद निवासी जितेंद्र प्रजापत उम्र 22 बाइक से कही जा रहा था। जावरा फाटक ये यहां डोर की चपेट में आए और गले में कट लग गया। आरएमओ डॉ.अभिषेक अरोरा ने बताया कि सांस नली नहीं कटी है। इलाज किया जा रहा है।

प्रतिबंध के बावजूद एसडीएम और सीएसपी द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई लेकिन जैसे ही हसदे सामने आए तो इतनी देर में एसडीएम ने तीन जगहों पर कर्रवाई कर दी। प्रशंस केवल हादसे होने के बाद भी सतर्क होता है। 

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