खालसा मेरो रूप है खास ,खालसा मे हों करो निवास...पंजाबी समाज द्वारा 326 वा वैसाखी पर्व बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया
Khalsa is my special form, reside in Khalsa… Punjabi community celebrated 326th Vaisakhi festival with great pomp and gaiety

खालसा मेरो रूप है खास ,खालसा मे हों करो निवास...पंजाबी समाज द्वारा 326 वा वैसाखी पर्व बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया
डेली जर्नल हिंदी डेस्क
जावरा, जो बोले सोनिहाल सतश्री अकाल ... जैसे जयकारे शनिवार को स्टेशन रोड़ स्थित गुरुद्वारा श्री दुःख निवारण साहिब में लगे। मौका था पंजाबी समाज द्वारा 326 वा वैसाखी पर्व जो की बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। तीन दिवसीय चल रहे श्री अखंड पाठ साहिब का प्रातः 10 बजे समापन हुआ।
तत्पश्चात ज्ञानी हंसराज सिंह जी व बच्चो के द्वारा शबद कीर्तन गाए गए।
दोपहर 1 बजे गुरु का लंगर हुआ। स.देवेंद्र सिंह गुर ने बताया जिन बच्चों की पहली वैसाखी थी उन्हे ज्ञानी की ने अमृत पान कराया। इस दिन सिक्खों के दसवें गुरु श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने पंजाब के आनंदपुर साहिब में पंज प्यारों को अमृत पान कराकर खालसा पंथ की स्थापना की थी।
सभी ने सुख शान्ति की अरदास की।
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इस मौके पर समाज अध्यक्ष अमृत सिंह सेठी, अशोक मोंगा,सतपाल मोंगा, जसविंदर सिंह खंडूजा, राजिंदर सिंह गंभीर, गुरजीत सिंह गंभीर, परमजीत सिंह मदान, इंद्रपाल सिंह सेठी, अपार सिंह गंभीर, नवदीप सिंह सलूजा, कुलजीत सिंह गुर, बलविंदर सिंह सेठी, वीरेंद्र सिंह जी सोलंकी, गुरभेज सिंह जी, शैलेन्द्र सिंह गुर, बलवंत सिंह जी सेठी, रिशु गंभीर, टिंकल गुर, जिम्मी सिंह आदि समाजजन मौजूद थे।