भारतीय जनता पार्टी के छोटे बड़े सभी नेता सनातन संस्कृति का राजनीतिकरण बंद करें, सनातन धर्म और संस्कृति आस्था है, हर बात के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाना बंद करें – कांग्रेस जिला प्रवक्ता रश्मि सिंह
All the big and small leaders of Bharatiya Janata Party should stop politicizing Sanatan culture, Sanatan Dharma and culture are faith, stop blaming Congress for everything – Congress District Spokesperson Rashmi Singh

मालेगांव ब्लास्ट मामले में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जावरा में आयोजित आयोजन में जो आरोप कांग्रेस पर लगाए, वह निराधार है, कांग्रेस ने किया कड़ा विरोध
डेली जर्नल हिंदी डेस्क
रतलाम, बीते रविवार याने 3 अगस्त को रतलाम के जावरा पहुंचे मध्यप्रदेश के केबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस की वरिष्ठ नेत्री सोनिया गांधी पर मालेगांव ब्लास्ट के मुख्य आरोपी प्रज्ञा ठाकुर समेत 6 आरोपियों को पुलिस ने जमकर पीटने आरोप निराधार और झूठा है। कांग्रेस पार्टी इसकी घोर निन्दा करती है। यह बात कांग्रेस की जिला प्रवक्ता रश्मि सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है।
रश्मि सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के छोटे बड़े सभी नेता सनातन संस्कृति का राजनीतिकरण बन्द करें। भाजपा के राज में
देश और मध्यप्रदेश में मंहगाई, बेरोज़गारी, अन्याय, अत्याचार और संवैधानिक संस्थाओं पर अतिक्रमण तेजी से बढ़ रहा है, इन महत्वपूर्ण मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए सनातन संस्कृति की आड़ में मूल मुद्दों को छुपाने की कोशिश करती नजर आती हैं। भाजपा के सहयोगी संगठन जो वास्तविक में राजनीति से प्रेरित हैं। अपने आप को गैर राजनैतिक बताते हैं लेकिन अब देश और प्रदेश की जनता इनकी राजनीति और काले कारनामे समझ चुकी है। जनता का ध्यान भटकाना इनका उद्देश्य है ताकि सरकार की नाकामी, भ्रष्टाचार को छुपाया जा सके।
अभी हाल ही में मुंबई सीरियल ब्लास्ट 2006 का फैसला आया, जिसमें सजा काट रहे सभी 12 दोषियों को मुम्बई हाईकोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया और मालेगांव ब्लास्ट 2008 के सभी दोषियों को बरी किया गया। अब सवाल यह है कि मुंबई धमाके के दोषियों में 5 को फांसी और 7 को उम्रकैद की सजा 2005 में सुनाई गई थी, 19 वर्ष बाद 2025 में मुंबई हाईकोर्ट ने उन सभी दोषियों को बरी कर रहा है ! तो पहले एटीएस और एनआईए की जांच और साक्ष्य के आधार पर कोर्ट ने फैसला दिया। वह फैसला देने वाले न्यायाधीश, मुंबई पुलिस एवं एनआईए के अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगता है?? तो क्या ये माना जाए कि जांच एजेंसियों एवं न्यायालय में केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें हस्तक्षेप करती हैं? अगर नहीं तो 19 वर्ष तक 12 निर्दोष नागरिकों को जेल में बंद क्यों रखा गया???
मालेगांव ब्लास्ट 2008 में एटीएस और एनआईए ने जांच और साक्ष्य प्रस्तुत कर प्रज्ञा ठाकुर सहित 6 लोगों को पर केस दर्ज किया।
अब फिर वही सवाल है कि ये सभी लोग निर्दोष थे , तो एटीएस जांच एजेंसियों पर सवाल खड़ा होता है ?? दोनों मामलों में कोर्ट अपना फैसला सुना चुका है ... लेकिन बम धमाकों में दर्दनाक मौत मरने वाले निर्दोष भारतीय नागरिकों जिसमें, हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई सभी थे, उनको अभी तक न्याय नहीं मिला?? कौन जिम्मेदार है?? हिन्दुत्व और सनातन का राग अलापने वाली भाजपा बताए कि मरने वाले सभी नागरिकों को कब न्याय मिलेगा??? भारत की गंगा जमुनी तहज़ीब और सामाजिक भाईचारे को कौन बर्बाद कर रहा है??
पहलगाम, पुलवामा,उरी आतंकी घटनाओं के जिम्मेदार कौन हैं? किसने पहलगाम, मुंबई ब्लास्ट का नाम रखा है? पिछले 11 वर्षों से केन्द्र में भाजपा की नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है और महाराष्ट्र में भाजपा की सरकार है। सही और निष्पक्ष जांच कब होगी होगी ?? जनता को आज भी न्याय का इन्तजार है।
"भगवा आतंकवाद"जैसे शब्दों का इस्तेमाल करना बंद करें और इसकी आड़ में अपनी नाकामियों को छिपाना बंद करें। जनता अब समझ चुकी है और आने वाले समय में जनता सबक सिखाएगी। पूरा विपक्ष इस समय हमलावर है, सरकार कटघरे में है, सरकार जवाब नहीं सूझ रहा है।
इसलिए जरूरी है कि जनता से जुड़े मुद्दों पर बात हो। धर्म व्यक्तिगत आस्था का विषय है।भारत आध्यात्म की धरती है,जनता भोली भाली है लेकिन मूर्ख नहीं है।अपना भला बुरा समझती है और आवेग में आकर वोट नहीं करेगी।
कांग्रेस पार्टी में मांग करती है कि बम धमाकों में मरने वाले हमारे देश के आम नागरिकों को न्याय मिलना चाहिए।