पर्यावरण दिवस: हजारों लाखों रुपए खर्च कर डिवाइडर पर लगाए पेड़ दम तोड़ चुके, बाकी बचे पॉम ट्री भी मुरझाने की कगार पर
Environment Day: Trees planted on dividers after spending thousands of rupees have died, the remaining palm trees are also on the verge of withering away

पर्यावरण दिवस: हजारों लाखों रुपए खर्च कर डिवाइडर पर लगाए पेड़ दम तोड़ चुके, बाकी बचे पॉम ट्री भी मुरझाने की कगार पर
डेली जर्नल हिंदी डेस्क
रतलाम, शहर खूबसूरत लगे इसलिए सड़क के डिवाइडर पर हरे भरे खूबसूरत पेड़ पौधे लगाए जाते है। वहीं वायु प्रदूषण में कमी लाने के लिए अधिक संख्या पेड़ पौधे काफी हद तक कारगर होते है। शहर में भी कई जगह बने सिटी फोरलेन के डिवाइडर पर खूबसूरत पेड़ पौधे लगाए गए है लेकिन कुछ जगहों पर ये पेड़ लापरवाही से मर चुके है। कई पेड़ मुरझाने और सूखने की स्थित में है। हजारों लाखों रुपए खर्च कर पेड़ पौधों की खरीदारी की जाती है। लेकिन इन्हें कितना पानी देना है और कब देना है इसकी मोनिटरिंग नहीं हो पा रही शायद इसलिए पेड़ो को लगाने के बाद उनपर ध्यान न देकर उन्हें सूखने, मुरझाने को मजबूर किया जा रहा है। इतना ही नहीं मालवाड़ा पैलेस रोड के निर्माणाधीन के दौरान भी महंगे पॉम ट्री यहां लगाए गए थे लेकिन डिवाइडर बनने के बाद वे कहां चले गए ये किसी को नहीं पता। अब क्या पार्वण दिवस पर केवल पेड़ और पौधे लगाने का दिखावा किया जाता है इसके बाद उसे पौधे की खेर खबर नहीं होती।
दरअसल सैलाना रोड साक्षी पेट्रोल पंप तिराहे से डिवाइडर पर लगे शो प्लांट पॉम ट्री लापरवाही की वजह से मर चुके है और कुछ मुरझाने की स्थिति में है। हजारों लाखों रुपए खर्च कर इन पेड़ों को लगाया तो जाता है लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे पाते। इस क्षेत्र पर डिवाइडर पर पॉम ट्री खराब हो चुके है। ये लापरवाही का नतीजा है। करीब 10 से 12 पॉम ट्री की स्थिति नाजुक है। वहीं मालवाड़ा पैलेस रोड़ के फोरलेन निर्माणाधीन के दौरान भी बीच सेंटर पर महंगे पॉम ट्री लगाए गए थे। आफर डिवाइडर बनने के दौरान इन्हीं हटा लिए गए थे। इसके डिवाइडर बन कर तैयार होने के बाद ये पॉम ट्री कहां गायब हो गए ये किसी को नहीं पता। क्या डिवाइडर पर पेड़ लगाने के नाम भी बड़ा घोटाला तो नहीं किया जा रहा। जांच हो तो पेड़ लगाने पर भी बड़े घपले निकलकर सामने आ सकते है।
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