मौलाना नाम खटकता है, लिखो तो पेन अटकता है... सीएम पद की मर्यादा तोड़ मंच से डॉक्टर मोहन यादव ने परोसी मुस्लिमों के प्रति नफरत, मुस्लिम नाम के तीन गांव के नाम बदले
मौलाना नाम खटकता है, लिखो तो पेन अटकता है... सीएम पद मर्यादा तोड़ मंच से डॉक्टर मोहन यादव ने पड़ोसी मुस्लिमों के प्रति नफरत, मुस्लिम नाम के तीन बड़नगर तहसील के नाम बदले

डेली जर्नल हिंदी डेस्क
– मोहम्मद सिराज
उज्जैन/बड़नगर, मौलाना नाम खटकता है, लिखो तो पेन अटकता है...जो मुख्यमंत्री सांप्रदायिक सौहार्द बनाने की बात करते है और अपने प्रशासनिक अधिकारियों को इसे बनाए रखने के आदेश देते है वो खुद ही सांप्रदायिक सौहार्द को बिगड़ने में लगे है। रविवार को बड़नगर में हुई एक आम सभा में सीएम डॉक्टर मोहन यादव ने मंच से मुस्लिमों के प्रति नफरत ऊगली।
सीएम पद की मर्यादा खयाल नहीं, मोहन यादव मंच से उगल रहे नफरत
एक सीएम और डॉक्टर के पद पर होने के नाते मोहन यादव ने अपनी मर्यादा का ख्याला भी नहीं रखा। मंच से तहसील की गांव के मुस्लिम नाम को लिखने में पेन अटकता है कि बात से साफ साफ मुस्लिमों के खिलाफ नफरत झलक रही है। ऐसा लगता है सीएम यादव भी अब योगी की राह पर चल निकले है। शायद ये आला कमान को इंप्रेस करने की कोशिश को जा रही है। लेकिन सीएम का इस तरह से बयान जनता पर क्या असर करेगा ये सभी को पता है। याने कि केवल नफरत ही फैलाई जा रही है। गांव का मुस्लिम नाम लिखने पर पेन के अटकने की बात से यही जाहिर होता है कि सीएम यादव के लिए मुस्लिम कोई वजूद नहीं रखते।
सभा में मुस्लिम के प्रति जताई नफरत
क्या यादव को मुस्लिम इतने खटक रह है कि वे खुले मंच से मुस्लिमों के खिलाफ नफरत उगल रहे है। आखिर सीएम के दिल की नफरत बाहर आ ही गई। मंच से इस तरह की बात से मुस्लिमों को अब यही लगेगा कि शायद आप उनके सीएम नहीं हो। क्योंकि आप अपने पद मर्यादा का ख्याल ही नहीं रख रहे।
सीएम पद की शपथ भुले मोहन यादव
सीएम पद की शपथ आप शायद भूल चुके है। आपने बिना भेदभाव और द्वेष के कार्य करने की कसम खाई थी। संविधान के अनुसार कार्य करने की शपथ ली थी। लेकिन बीजेपी के आला कमान के नेताओं के आगे शपथ कौनसी चीज़ होती है। यदि अपनी जिम्मेदारी और शपथ याद रहती तो शायद बड़नगर की आम सभा में मुस्लिम नाम के गांव से आपको आपत्ति नहीं होती।
मुस्लिम के नाम आने पर उनके नहीं होते होंगे कार्य
आप उज्जैन जिले के मौलाना गांव को विक्रम नगर नहीं बनाते, गजनी खेड़ी को चामुंडा माता नगर नहीं बनाते, और जहांगीरपुर को जगदीश पुर नहीं बनाते। लेकिन आपको तो मुस्लिम नाम से ही नफरत थी इसलिए अपने खुला मंच से मुस्लिम के प्रति नफरत जताते हुए मुस्लिमों काम करने में पेन अटकता है कहा। इससे यही आशय हुआ कि मुस्लिम नाम आने पर आप उनके काम करवाने में बचते होंगे।