प्राइवेट स्कूल की हड़ताल का दिखा असर, मान्यता के नए नियम पर रोक लगाने के लिए प्राइवेट स्कूल ने सौंपा ज्ञापन, स्कूल संघ के प्रमुख ने कहा, कई छोटे स्कूल हो जाएंगे बंद

Effect of private school strike, the head of the school which banned the new generation on principle said, many small schools will be closed

प्राइवेट स्कूल की हड़ताल का दिखा असर, मान्यता के नए नियम  पर रोक लगाने के लिए प्राइवेट स्कूल ने सौंपा ज्ञापन, स्कूल संघ के प्रमुख ने कहा, कई छोटे स्कूल हो जाएंगे बंद
Private schools protest


डेली जर्नल हिंदी डेस्क 

रतलाम, प्राइवेट स्कूल संचालक शिक्षा विभाग के स्कूल की मान्यता को लेकर जारी नए नियमों से नाराज़ है। इसलिए गुरुवार को अपनी नाराज़गी जताते हुए मध्य प्रदेश क्रांति और शासकीय शिक्षण संस्था संघ भोपाल की ओर से जिले एक दिवसीय स्कूल बंद रख अपना विरोध जताया। वहीं जिन स्कूल संचालकों ने अपने स्कूलों को बंद नहीं रखा था उन्हें संगठन की ओर से जाकर एक गुलाब का फूल देकर विरोध में शामिल होने को कहा गया।

दरअसल प्राइवेट स्कूलों की मान्यता के नवीनीकरण के लिए इस वर्ष राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल ने एक नया नियम लागू किया है। इस नियम के तहत ऐसे प्राइवेट स्कूल जो कि किराए के भवन में संचालित हो रहे हैं, उन को किराए की रजिस्ट्री करने के लिए कहा कहा जा रहा है। भवन मालिक द्वारा किराए नामा की रजिस्ट्री करने से इंकार किया जा रहा है। ऐसे स्कूलों पर हमेशा के लिए बंद होने का खतरा मंडरा गया है। जिसमें ज्यादातर छोटे स्कूल शामिल है। बता दें कि प्रदेश के समस्त प्राइवेट स्कूलों के संगठनों ने एक होकर 30 जनवरी को एक दिवसीय हड़ताल करने का निर्णय लिया था। जिले के एमपी बोर्ड के समस्त प्राइवेट स्कूल आज याने कि गुरुवार को बंद  रहे। इसी के विरोध में संघ प्रदेश अध्यक्ष दीपेश ओझा के नेतृत्व में कालिका माता में दोपहर 1 बजे इकट्ठा होकर कलेक्ट्रेट एसडीएम अनिल भाना को ज्ञापन सौंपते हुए प्राइवेट स्कूलों को आ रही समस्याओं को बताया। 

ज्ञापन देने में उपाध्यक्ष रेखा दवे, प्रांतीय मीडिया प्रभारी नरेंद्र सिंह राठौर, संभाग उपाध्यक्ष आनंद जैन, जिला सचिव दिनेश मेहता, कोषाध्यक्ष विनोद यादव, विशाल चावड़ा, स्वतंत्र पल सिंह, देवड़ा कपिल, वत्स ईश्वर गुर्जर, हरीश शुक्ला, भूपेंद्र राजपूत, राज दवे, मतीन खान, अबरार खान, महिला मंडल से रेखा त्रिवेदी, राखी यादव, दीपिका राठौर, साधना शर्मा, जया शाह, आशीष संचोरिया, जॉस मैथ्यू, मनोज पटवा, विजय सिंह, विजय चौधरी, जगदीश कुमावत, अश्विन शर्मा और राजेंद्र पाटीदार सहित कई प्राइवेट स्कूल संचालक थे।

ये हैं प्रमुख मांगे...

1, कक्षा 1लीं से 8 वीं तक मान्यता में रजिस्टर्ड किरायानामा, मान्यता शुल्क, एफ.डी., में नवीनीकरण मान्यताओं में अनिवार्यता समाप्त की जाएं। क्योंकि डायवर्शन शुल्क एवं अपार 2.0 में रजिस्टर्ड किरायानामा बनाने में कई दिक्कतें हैं। साथ ही काफी खर्चा आ रहा है। रजिस्टर्ड किरायानामा, मान्यता शुल्क, एफ डी आर टी ई एक्ट में संशोधन से लागू किया गया है। जो की अन्य राज्यों में नहीं है। इसे हटाया जाए।

2. 1 लीं से 8 वीं तक स्थाई मान्यता दी जाएं।

3. सत्र 2022-23 में गलत खातों एवं किसी त्रुटि वर्ष निजी विद्यालयों का आरटीई फीस प्रतिपूर्ति भुगतान रह गया है। उन्हें जल्द ही भुगतान किया जाए। साथ ही सत्र 2023-24 के भुगतान की प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है। उसे भी शुरू कराया जाए। जिन जिलों में नोडल नियुक्त नहीं हुए हैं। वहां नोडल नियुक्त किए जाएं और जो भी लापरवाह अधिकारी हैं उन पर कर्रवाई की जाए।

4. कक्षा 9 वीं से 12 वीं में भी रजिस्टर्ड किरायानामा, मान्यता शुल्क , संबंद्धता शुल्क, में राहत दी जाए। साथ ही स्थाई मान्यता दी जाए।

5. हाई कोर्ट के आदेश अनुसार 12 साल से पुरानी बसों को बंद करने के निर्णय में मोटर व्हीकल एक्ट में नियम है कि 12 साल बाद भी अगर बसों की फिटनेस व परमिट सही है तो उसे 5 साल के लिए बढ़ाया जा सकता है, तो इसका स्पष्ट आदेश परिवहन मंत्रालय से दिया जाए।

जिससे जिनके वाहन फिटनेस व परमिट नियम अनुरूप सही हैं वे इसका परिचालन कर सके।

6. सत्र 2016-17 से 2022-23 तक का आर टी ई फीस प्रतिपूर्ति पोर्टल अंतिम बार के लिए पुनः खोला जाएं। क्योंकि कोरोना काल में निजी विद्यालय 2 वर्षों तक बंद रहे। साथ ही आधार केंद्र भी बंद रहने से आधार सत्यापन एवं विद्यार्थियों के अन्य जगह रहने से प्रपोजल बन नहीं पाए इसलिए पुनः अंतिम बार पोर्टल खोला जाएं।

7. अपार आईडी में सहमति लेने पर कई अभिभावक असहमति जता रहे हैं और इसमें एसएलसी की अनिवार्यता खत्म हो जाएगी इसलिए इस पर पुनः विचार कर हटाया जाए।