बरकतों वाले माहे रमजान की हुई शुरुआत,आज हुआ पहला रोजा, 13 घंटे 8 मिनट का रहेगा रोज़ा, बाजारों में बढ़ी चहल पहल, 6.36 बजे रहेगा इफ्तार का समय, देखें पूरा टाइम टेबल
The blessed month of Ramadan has started today is the first fast fast will last for 13 hours and 8 minutes increased activity in the markets iftar time will be at 6.36 pm complete time table

बरकतों वाले माहे रमजान की हुई शुरुआत,आज हुआ पहला रोजा, 13घंटे 8 मिनट का रहेगा रोज़ा, बाजारों में बढ़ी चहल पहल, 6.36 बजे रहेगा इफ्तार का समय, देखें पूरा टाइम टेबल
डेली जर्नल हिंदी डेस्क
रतलाम, आज से याने कि 2 मार्च से माहे रमजान के पाक महीने की शुरुआत हुई। इस्लाम में रमजान के महीने की बहुत ही पाक और खास महत्वत्ता है। इस महीने मुस्लिम 13 घंटों का रोज़ा, नमाज़ और कुरान की तिलावत कर अल्लाह की इबादत करते हैं। शनिवार की शाम असमान में छाए बादलों के बीच रमजान का चांद दिखाई दिया। इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक रमजान साल का नौवां महीना होता है। रमजान के दिनों में लोग 30 दिनों तक रोजा रखते हैं और आखिरी दिन खुदा का शुक्र अदा कर ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े ही धूम-धाम के साथ मनाते है।
इस साल 28 फरवरी को चांद नहीं दिखा था, ऐसे में इस्लाम के जानकारों और धर्मगुरुओं के मुताबिक 28 फरवरी शाबान 1446 हिजरी को रमजान का चांद दिखाई न देने के कारण रमजान का पहला दिन 2 मार्च 2025 को हुआ और पहला रोजा रखा गया। बता दें कि शब-ए-बारात के 14वें दिन रमजान का पाक महीना शुरू होता है। दरअसल भारत में रमजान के महीने के दिन की शुरुआत का तय मक्का में चांद के दिखने पर होता है। जब सऊदी अरब में चांद दिखाई देता है उसके अगले दिन भारत में पहला रोजा रखा जाता है। इसके साथ ही रमजान का पाक महीना शुरू हो जाता है।
13 घंटे 8 मिनट का रहेगा रोजा
रतलाम शहर और उसके आसपास रोजा रखने याने कि शहरी का आखिरी समय 5.32 का है और रोजा खिलने याने कि इफ्तार करने का समय 6.36 का होगा। सेहरी का समय हर दिन एक एक मिनट कम होता जाएगा और आखिरी में यह समय आदा घंटा कम होकर 5.04 मिनट तक पहुंच जाएगा। वहीं इफ्तार के समय हर दो दिनों में एक मिनट बढ़ता जाएगा। यह आखिरी में 6.49 PM तक पहुंच जाएगा। ऐसे माने तो एक एक दिन के रोज का समय 13 घंटे 8 मिनट का होगा।
इसलिए रखा जाता है रोज़ा
ऐसे तो इबादत हर दिन हर पल जरूरी है लेकिन रमजान के महीने में इबादत का खास महत्व है। रमजान के दौरान रोजे रखने के साथ ही पांचों वक्त की नमाज और तरावीह की खास नमाज का बहुत महत्व है। रमजान का पाक महीना रोजा रखने के साथ साथ आत्मसंयम, इबादत और जरूरतमंदों की मदद करने का बेहतरीन मौका देता है। यह वह महीना है जिसमें सालाना अपनी आमदनी या मलकियत से इस महीने कुछ प्रतिशत हिस्सा जरूरतमंदों के लिए निकालना होता है। जरूरतमंदों में सबसे पहले रिश्तेदार आते है यदि वे जरूरतमंद में से है उनकी मदद पहले की जाना चाहिए। इस्लामिक मान्यताओं के मुताबिक साल 610 में इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार नौवें माह में पाक कुरान शरीफ नाजिल हुआ था। याने कि इस माह में थोड़े थोड़े पाठ आसमान से उतरकर इस माह में पूरा हुआ था। तभी से लेकर आज तक मुस्लिम हर साल रमजान के पाक महीने में रोजा रखते हैं और आखिर में ईद-उल-फितर का त्योहार बड़े ही धूम धाम से मनाते हैं।