20 फीट सीमेंट का पाइप ले जा रही थी जेसीबी, पाइप से टकराने से 3 वर्षीय मासूम की गई जान, जहां हादसा हुआ वहां कई दिनों से पसरा हुआ अंधेरा, अब हादसे के बाद लगेगी लाइट, सुभाष नगर ओवरब्रिज निर्माणाधीन कम्पनी के जिम्मेदार बचाव में बोल रहे रेडियम लगाने की झूठी बात

JCB was carrying a 20 feet cement pipe, 3 year old innocent died after hitting the pipe, there was darkness for many days where the accident happened, now lights will be installed after the accident, In defense of the company under construction of Subhash Nagar Overbridge, speaking falsely about installation of radium

20 फीट सीमेंट का पाइप ले जा रही थी जेसीबी, पाइप से टकराने से 3 वर्षीय मासूम की गई जान, जहां हादसा हुआ वहां कई दिनों से पसरा हुआ अंधेरा, अब हादसे के बाद लगेगी लाइट,  सुभाष नगर ओवरब्रिज निर्माणाधीन कम्पनी के जिम्मेदार बचाव में बोल रहे रेडियम लगाने की झूठी बात
Road accident news

20 फीट सीमेंट का पाइप ले जा रही था जेसीबी, पाइप से टकराने से 3 वर्षीय मासूम की गई जान, जहां हादसा हुआ वहां कई दिनों से पसरा हुआ अंधेरा, अब हादसे के बाद लगेगी लाइट

सुभाष नगर ओवरब्रिज निर्माणाधीन कम्पनी के जिम्मेदार बचाव में बोल रहे रेडियम लगाने की झूठी बात, क्या ऐसी लापरवाह कंपनी पर होगी कार्रवाई?


डेली जर्नल हिंदी डेस्क 

मोहम्मद सिराज

रतलाम, बीती शाम करीब साढ़े आठ बजे रतलाम के वीरियाखेड़ी स्थित कॉमर्स कॉलेज के पास दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। हादसे में करीब 20 फीट सीमेंट का पाइप ले जा रही जेसीबी की चपेट में आने से बाइक पर जा रहा परिवार हादसे का शिकार हो गया। हादसे इतना भयानक था कि जेसीबी पर रखा सीमेंट का पाइप पहले 3 वर्षीय बालक से सिर पर लगा जिससे उसका भेजा फैट गया फिर उसके परिवार को लगा जिससे उसके माता पिता सहित चार लोग गंभीर घायल हो गए। जेसीबी सुभाष मगर पर रेलवे ओवर ब्रिज की कंस्ट्रक्शन ठेकेदार कंपनी मैसर्स सुभाष ठक्कर कंपनी की थी। हादसे के बाद भी जेसीबी चालक जेसीबी को कुछ किलोमीटर तक भगा ले गया था। इसके बाद चालक उतर कर मौके से भाग गया। वीरियाखेड़ी कॉमर्स कॉलेज से बोधि इंटरनेशनल स्कूल की तरफ जाने वाले मार्ग पर अंधेरा पसरने से यह हादसा हो गया। मौके पर क्षेत्रवासियों ने चक्काजाम भी किया था। हादसे में घायलों को मेडिकल कॉलेज भर्ती करवाया गया। 

कंपनी के जिम्मेदार दे रहे पाइप पर रेडियम लगाने के झूठे बयान, लापरवाह कंपनी को ब्लैक लिस्ट करना चाहिए

प्रिंट मीडिया दैनिक भास्कर के मुताबिक  मैसर्स सुभाष ठक्कर कंपनी के सुपरवाइजर लक्ष्मण शर्मा ने अपना झूठ बयान दर्ज करवाते हुए कहा कि उन्होंने पाइप पर रेडियम लगाया था जबकि रेडियम लगाने के पाइप पर किसी तरह का कोई निशान नहीं था। इतना ही नहीं यदि बच्चों ने रेडियम निकल दिया था तो इनकी कंपनी के लापरवाह जिम्मेदार दोबारा रेडियम लगा सकते थे। लेकिन झूठ तो यहीं पकड़ा रहा है। जब हादसे का ठीकरा फूटा तो बच्चों का बहाना लेने लगे। ऐसी लापरवाह कंपनी को ब्लैक लिस्ट करना चाहिए और जिला कलेक्टर राजेश बाथम को तुरंत इसपर एक्शन लेना चाहिए। 

परिवार अपने रिश्तेदार के यहां सज्जन मिल चौराहे पर जा रहे थे, इस दौरान हो गया हादसा

दरअसल पेंटर का कार्य करने वाले धीरजशाह नगर निवासी मुकेश प्रजापत 32 साल, पत्नी बिट्टू बेटे लक्ष्य 6 वर्ष, भाव्यांश प्रजापत 3 वर्ष और भतीजी दिव्यांशी 4 वर्ष पिता जगदीश प्रजापत के साथ बाइक से सोमवार की शाम 8 बजे घर से निकले थे। वह सज्जन मिल चौराहे पर रहने वाले अपने परिवार रमेश प्रजापत के यहां जा रहे थे। तभी रास्ते में कॉमर्स कॉलेज से बोधी स्कूल जाने वाले रास्ते पर कॉमर्स वाले मोड़ से 100 मीटर की दूरी पर सीमेंट का पाइप ले जा रहे जेसीबी से टकरा गए। इसमें 3 वर्षीय बालक भाव्यांश के सिर पर पाइप लगने से उसका भेजा फट गया जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। साथ ही उसके माता पिता को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया है अन्य दो बच्चों को मामूली चोट आई है।  

हादसे के बाद किया क्षेत्रवासियों ने किया चक्काजाम

हादसे के बाद क्षेत्रवासियों ने चक्का जाम कर प्रदर्शन किया। क्षेत्रवासी महेश डोडियार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि इस क्षेत्र में कई दिनों से अंधेरा पर पसरा हुआ है। अंधेरा होने की वजह से यहां आए दिन छोटी मोटी दुर्घटनाएं होती है। अंधेरा होने की नगर निगम प्रशासन को कई बार शिकायत है कर चुके हैं लेकिन लापरवाह जिम्मेदारों। ने एक ना सुनी। आज यदि सुन लिया होता तो एक मासूम बच्चे की जान बच सकती थी और यह बड़ा हादसा होते होते बच जाता। यदि इस क्षेत्र में लाइट शुरू नहीं होती है तो फिर से प्रदर्शन किया जाएगा। 

गुजरात की कंपनी कंस्ट्रक्शन कार्यों में बिना नंबर के वाहनों का कर रही इस्तेमाल, जिम्मेदार अधिकारी को पता होने के बाद भी दे रहे ढील

इसी मार्ग का और निर्माणाधीन सुभाष नगर रेलवे ओवर ब्रिज का जिला प्रशासन निरीक्षण करने भी सोमवार की शाम याने हादसे के एक घंटे पहले पहुंचे थे। क्षेत्रवासियों ने सवाल उठाए कि क्या जिला प्रशासन ने इस क्षेत्र में कमियां नहीं देखी? आए दिन गुजरात पासिंग के वाहन बिना नंबर के लापरवाह तरीके से चलाते हुए गुजरते है। अधिकार कंस्ट्रक्शन के कार्य में इस्तमाल किए जाने वाले वाहनों पर कोई नंबर नहीं है, लेकिन मजाल है कि कोई इनके सामने आवाज भी उठा ले। वहीं कलेक्टर राजेश बाथम ने निरीक्षण के दौरान लाइट लगाने के आदेश दिए थे। 

सभी थानों के टीआई पहुंचे थे मौके पर

मौके पर सीएसपी सहित सभी थानों के टीआई भी पंहुच गए थे। पुलिस अधिकारियों ने आक्रोशित लोगों को समझाइश देकर शांत किया। रतलाम सीएसपी सत्येन्द्र घनघौरिया ने बताया कि जेसीबी को जब्त कर लिया है। जेसीबी के ड्राइवर की तलाश में जुटे है। दुर्घटना में मृत हुए बच्चे और उसके घायल माता पिता को मेडिकल कॉलेज भिजवाया गया है। 

गुजराती कंपनियां कर रही शहर का बंटाधार

रतलाम में अधिकतर बड़े-बड़े कार्यो के ठेके गुजरात की कंपनियों को सौंपे जा रहे हैं। लेकिन किसी भी जिम्मेदार नेता या जिम्मेदार अधिकारियों को यह नहीं दिखाई दे रहा कि वह किस तरह से लापरवाह पूर्वक कार्य कर जनता को परेशान कर रहे हैं। कंस्ट्रक्शन का ठेका लेकर सालों तक कार्य को पूरा नहीं कर रहे, सुभाष नगर और सागोद रोड़ का ब्रिज सबसे बड़ा उदाहरण है। वही गुजरात की ही जय वारुणी कंपनी ने शिवराज के काम में भी घपला किया और लोगों को परेशान किया जा रहा है। सीवरेज लाइन डालने के नाम पर लोगों के साथ धोखाधड़ी की। लाइन ऐसी डाली की सीवरेज के पाइप से पानी न जाकर वह बाहर सड़क पर बहता है। 

पहली बार स्कूल जाने लगा था मासूम भाव्यांश

मिली जानकारी के मुताबिक मासूम भाव्यांश का प्री नर्सरी में एडमिशन हुआ था। उसने इसी साल पहली बार स्कूल जाना शुरू किया था। उसका एक बड़ा भाई है जो 6 वर्षीय लक्ष्य है। टीआई वीडी जोशी ने बताया कि जेसीबी के अज्ञात ड्राइवर पर तेज गति वाला पर वहीं से गाड़ी चलाने का केस दर्ज किया है।

क्या लापरवाही पर कंपनी पर भी होगी कार्रवाई?? क्या प्रशासन कंपनी से परिवार को दिलवाएगा मुआवजा?

सवाल यह है कि क्या केवल जेसीबी ड्राइवर पर ही मामला दर्ज कर मामले को शांत कर दिया जाएगा या फिर प्रशासन द्वारा इस लापरवाह कंपनी के लापरवाह अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी किसी तरह की कोई कार्रवाई की जाएगी। मासूम भाव्यांश को तभी न्याय मिलेगा जब कंपनी के जिम्मेदार लापरवाह अधिकारियों और कंपनी पर सख्त करवाई होगी। वहीं जिला प्रशासन को चाहिए कि वे कंपनी से मासूम के परिवार को मुआवजा दिलवाए।